रविवार, 12 जून 2011

कोई बाल श्रमिक नहीं रहे, प्रतिभा का दबकर रहना पाप: गहलोत

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य में कोई भी बाल श्रमिक नहीं रहे और सभी बच्चे शिक्षा से जुड़ें यह हमारा संकल्प होना चाहिए। प्रतिभा का दबकर रह जाना किसी पाप से कम नहीं है। मुख्यमंत्री निवास पर अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर ‘नन्हें हाथ कलम के साथ, बाल श्रम से शिक्षा की ओर’ अभियान के दूसरे चरण में रैली को रवाना करने से पूर्व बाल मित्रों एवं अन्य बच्चों से गहलोत ने यह बात कही।

उन्होंने बाल श्रम उन्मूलन के लिए सतत प्रयत्नशील रहने की शपथ वाले बैनर पर भी हस्ताक्षर किए एवं रैली को हरी झंडी दिखाकर अभियान की शुरुआत की। कार्यक्रम में डूंगरपुर एवं उदयपुर जिलों तथा जयपुर शहर के आस पास के स्कूलों के 210 बच्चे मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल श्रमिकों में भी प्रतिभा छिपी होती है। उसे आगे लाना और शिक्षा से जोड़ना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। मुख्यमंत्री ने पालड़ी मीणा बस्ती में खोले गए प्राथमिक स्कूल को उच्च प्राथमिक में क्रमोन्नत करने की घोषणा करते हुए कहा कि उसे आदर्श बस्ती के रूप में विकसित करने का सरकार पूरा प्रयास करेगी।

बालमित्र जोड़ेंगे बच्चों को: बाल श्रम से शिक्षा की ओर अभियान के दूसरे चरण के तहत 24 बाल मित्र दो अलग-अलग कारवां के साथ उदयपुर जिले के झाड़ोल एवं कोटड़ा क्षेत्र के 179 गांवों में जाएंगे एवं बालश्रम से जुड़े बच्चों को शिक्षा से जोड़ने, बालश्रम के दुष्प्रभाव के प्रति लोगों को जागरूक करने, बालश्रम के लिए बच्चों का अन्य राज्यों में पलायन रोकने तथा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने का कार्य करेंगे।

 

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